सबसे बड़ी कंपनी Parle- G के ये फैसले से हो रही तारीफ जाने क्या है मामला
दोस्तों जैसा की आप जानते है आज पार्ले G कंपनी को कौन नहीं जनता बहोत से लोग पार्ले G को बचपन से देखते आये है और उनका आज का ये फैसला जानकारी आप भी तारीफ कर लेंगे चलिए जानते है विस्तार से..
TRP घोटाला सामने आने के बाद कंपनियां ऐसे चैनलों पर विज्ञापन को लेकर सतर्क हो गई है. बड़े ऐडवटाइजर्स और मीडिया एजेंसीज में इस बात को लेकर माथापच्ची जारी है कि ऐसे चैनलों के विज्ञापन ( एडवरटाइजिंग ) में कितनी कटौती हो, कुछ कंपनियों ने फैसला किया है वे उन चैनल्स को विज्ञापन नहीं देंगी जो ‘नफरत को बढावा देने वाला, जहरीला कंटेंट’ दिखाते है.

कुछ दिने पहले बजाज ऑटो के Md.राजीव बजाज ने तीन चैनल्स को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही थी. अब पारले प्रॉडक्ट्स ने भी कहा है कि वह कुछ चैनल्स पर विज्ञापनों के खर्च को कम करने की सोच रही है ताकि बाकी चैनल्स को एक साफ संदेश जाए. इस कदम के लिए सोशल मीडिया पर कंपनी की खूब तारीफ हो रही है दोस्तों.
1982 पहला टीवी एड्स – पार्ले G
1939 में जब दुनिया में दूसरा विश्व युद्ध हो रहा था, पारले ने ग्लूकोज बिस्किट बनाने शुरू किए थे. 1980 में ग्लूकोज बिस्किट्स का नाम बदल कर पारले-जी कर दिया गया. 1982 में लॉन्च हुए पारले-जी के पहले टीवी कमर्शल के साथ आया स्लोगन-स्वाद भरे, शक्ति भरे पारले-जी, तब पारले-जी का प्रचार किसी बॉलिवुड स्टार ने नहीं बल्कि बच्चों के चहेते सुपरहीरो शक्तिमान ने किया. ‘स्वाद भरे, शक्ति भरे’ पारले-जी का सफर अब ‘जी माने जीनियस’ तक पहुंच चुका है दोस्तों.
ट्विटर पर पारले को मिल रही तारीफे
सोशल मीडिया पर पारले प्रॉडक्ट्स के इस कदम को खूब सराहा जा रहा है. किसी ने उम्मीद जताई कि इस कदम से शायद न्यूज चैनलों पर ऐसे कंटेंट में कमी देखने को मिले, वहीं बहुत सारे लोगों ने पारले और बजाज का शुक्रिया अदा किया है दोस्तों.