दोस्तों हमारे निजी जिंदगी मै आज कल ट्रेस हो या कोई काम को लेकर टेंशन आये दिन चुनौतीया बढ़तेही जा रही हैं। इसी के बिच हम अपने स्वाथ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं। इसी मै एक हैं आपने बालो का पोषण और उसके बढ़ने के पोषण मै आज कल जेनेटिक हो या ट्रेस जीवन हो हमें इसका सामना करना पडता हैं। पर मानव (साइंटिस्ट) ने ही इसके ऊपर एक उपाय भी ढूंढ लिया हैं। आज हम उसी के बारे मै जानने वाले हैं दोस्तों.
क्या होता हैं ट्रांसप्लांट ? Kya hota hai Transplant ?
चलिए जानते हैं हेयर ट्रांसप्लांट के बारे मै ऐसे हेयर जो दूसरे डोनर एरिया से निकाल कर उसको पुनर्जीवित कर उसे ग्रो किया जाता हैं। मरीज़ के खुदके डोनर एरिया मतलब जो हमारे हेड के पीछे के हेयर होते हैं उसे कहा जाता हैं। इसी प्रक्रिया को हेयर ट्रांसप्लांट कहा जाता हैं।
आईये जानते हैं इसकी प्रक्रिया Transplant karane ka tarika
सबसे पहले मरीज़ के हेड के पीछे के एरिया से हेयर निकालकर गँजे जगह लगा दिया जाता हैं और यह प्रक्रिया कुछ घंटो की होती हैं। इम्प्लांट किये गए यह प्लांट पर्मनंट होते हैं प्लांट होने के दो हफ्ते बाद ये ग्रो होने शुरू हो जाते हैं। और एक महीने बाद जो बाल प्लांट किये जाते हैं वो निकलते जाते हैं।
इसमे डरने की कोई बात नहीं होती मरीज़ को इसी फेज मै सबसे ज्यादा डर लगने लगता हैं पर ऐसा डरने वाली बात नहीं हैं क्यों की यह एक प्रक्रिया हैं और ये बाल दो महीनों मै वापस आना चालू हो जाता हैं। और ये नेचुरल बाल जैसे दीखते भी हैं और हम इसे नेचुरल हेयर भी कह सकते हैं। इन बालो की खूबी यही हैं की यह permannat होते हैं। हालाकी कुछ केस ऐसे भी सामने आये हैं की ये बाल उम्र बढ़ने के साथ साथ खत्म भी होते जाते हैं। जिस एरिया से बाल लिए जाते हैं उसे डोनर एरिया कहा जाता हैं।
आईये जानते हैं सर्जरी के बारे मै
हेयर ट्रांसप्लांट के मुख्यता तीन प्रकार होते हैं।
1) एस्ट्रिप methode (FUT)
2) FUE
3) निडो जेड तकनीक
1) एस्ट्रिप methode(FUT) क्या हैं
FUT का इस्तिमाल सबसे ज्यादा किया जाता हैं। सबसे पहले मरीज़ को अनेस्थेसिआ दिया जाता हैं
और उसके बाद डोनर एरिया से हाफ इंच की एक स्ट्रिप निकाल ली जाती हैं। फिर उसे सर के दूसरे भाग पर इम्प्लांट किया जाता हैं जहा गंजा पण हैं। जाहिर तोर पर 2 से 3 हजार तक फॉलिकल होते हैं और एक फॉलिकल मै दो से तीन बाल होते हैं। गंजा पण हेयर लाइन एरिया मै हैं तो एक एक बाल प्लांट किया जाता हैं। कुछ केस मै यह तरीका कारगर नहीं होता क्योंकी इसके लिए सही से डाइट लेना गाइड लाइन फ़ॉलो करनी पड़ती हैं। इम्युनिटी कम हैं या वह स्मोकर हैं तो यह तरीका कारगर नहीं होता हैं।
3) FUE Methode क्या हैं?
इसमे एक एक फॉलिकल को निकाल कर वह गँजे एरिया मै प्लांट किये जाते हैं। एक फॉलिकल से चार बाल तक उग सकते हैं। एक सेटिंग मै 7से 8 घंटे लग सकते हैं इसमे दो हजार तक फॉलिकल इन्सर्ट (डाले जाते हैं ) किया जाता हैं। एडमिट होने की जरुरत नहीं होती हैं। मरीज़ को दूसरे सेटिंग के लिए बुलाया जाता हैं। इस प्रक्रिया मै टाके नहीं लगाए जाते हैं। FUT के मुकाबले यह सर्जरी कारगर देखने को मिलती हैं। इसमे लोकल अनेस्थेसिआ भी दिया जाता हैं। इस तकनिकी मै ब्रेन और आँखो को कोई नुकसान नहीं होता हैं। अब तक ये सर्जरी काफ़ी एडवांस हो चुकी हैं आज कल इसमे कोई रिस्क्स नहीं होता हैं।
3) निडो जेड तकनीक क्या हैं
इस तकनीक मै जो हेयर use किये जाते हैं वह हेयर confortable होते हैं। इस हेयर को मानव शरीर स्वीकार कर लेता हैं। इस तकनीक को अपनाने से पहले मरीज़ के चार हफ्ते कुछ टेस्ट किया जाता हैं। उसके बाद यह जाना जाता हैं उसमे इस तरीके से काम किया जाता हैं या नहीं एक से दो प्रतिशत मामलो मै रिजेक्शन भी होता हैं। इसके बाद मेगा सेशन होता है। एक बार मै एक 1000 से 800 बाल ऊगा दिए जाते है और इसको दो से तीन घंटे लगते है। लोकल अनेस्थेसिआ इसमे भी दिया जाता है।
इस प्रकार हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है अब तक बहोत एडवांस बन चूका है और इंडिया मै लोगो को इसमे रूचि बन चुकी है।
तो दोस्तों अधिक जानकारी के लिए बने रहे